Tuesday, 8 August 2017

Vishnu Shatpadi | विष्णु षट्पदी

Vishnu Shatpadi   विष्णु षट्पदी अविनयमपनय विष्णो दमय मनः शमय विषयमृगतृष्णाम् । भूतदयां विस्तारय तारय संसारसागरतः ॥ 1 ॥ दिव्यधुनीमकरन्दे परिमलपरिभोगसच्चिदानन्दे
(Visited 470 time, 2 visit today)

No comments:

Post a Comment